क्या है कार्बन इकोनॉमी से उसका नाता? -पत्तियों की उम्र का फैसले का होता है गणित

कार्बन अवशोषण सबसे बड़ी वजह
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी और मैक्वायरे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और सहलेखक इयान राइट ने बताया कि पेड़ की हर प्रजाति का  यही प्रयास रहता है कि वह अधिकतम कार्बन अवशोषित कर लें. सदाबहार शंकुधारी खराब मिट्टी में पनपते हैं जहां लंबे समय तक ठंडी सर्दी होती है और वे तभी कायम रह पाती हैं जब वे पत्तियों में लंबे समय तक निवेश कर सकें. वही मेपल जैसे पर्णपाती पेड़ तेजी से नई पत्तियां बनाते हैं और गर्मियों में कार्बन अवशोषित करते हैं.

.प्राकृतिक और मानवीय प्रभाव
पेड़ पौधे अपने उद्भव के दौरान जलवायु में होने वाले प्रमुख बदलावों का सामना करते हैं. लंबे समय के प्राकृतिक बदलाव और मानवीय व्यवधान भी वनस्पति पर खासा असर डालता है. दोनों ही पेड़ों के समुदाय  पर एक कारक की तरह काम करते हैं और उन्हें बहुत ही कम समझा गया है. शोधकर्ताओं ने प्रस्ताव दिया कि यह शोध इस बात की व्याख्या करता है कि आज वनस्पतियों में कहां और क्या पैदा हो रहा है.