मुसीबत में पौधे भी लगाते हैं आवाज, चूहे और ततैया जैसे जीव सुन सकते हैं पौधों को

तेज हवा में पत्तियों की सरसराहट, आग लगने पर बृक्षों में तने और टहनियों के दरकने की आवाजें, फूलों पर मधुमक्खियों की आवाजें और बृक्षों पर पक्षियों का कलरव तो सबने सुना है, पर पौधों की अपनी आवाज भी होती है, यह हाल में ही पता चला है। इस अध्ययन को तेल अवीव यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक लिलाच हदानी ने किया है और इसे “सेल” नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के अनुसार पौधों से उत्पन्न होने वाली आवाज अल्ट्रासोनिक होती है, इसलिए हम मनुष्य इसे नहीं सुन पाते। पौधों से उत्पन्न होने वाली आवाज 40 से 80 किलोहर्ट्ज के दायरे में होती हैं, जबकि मनुष्य के सुनने की सर्वाधिक क्षमता 20 किलोहर्ट्ज तक ही है। पर, पौधों के परिवेश में रहने वाले अनेक कीट-पतंगें और जानवर इन आवाजों को सुन सकते हैं और इन आवाजों पर प्रतिक्रियास्वरूप अनुसरण भी करते हैं।