प्रदूषित हवा के कारण कम हो सकता है शरीर में ऑक्सीजन का लेवल, इन उपायों से करें सुधार

राजधानी दिल्ली-एनसीआर में पिछले एक हफ्ते से वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर श्रेणी’ में बना हुआ है। औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में 400 से 500 के बीच रिकॉर्ड की जा रही है, जिसे सेहत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। 400 या इससे अधिक की एक्यूआई को गंभीर श्रेणी वाला माना जाता है, जिसके कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों के विकसित होने का खतरा रहता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण डायबिटीज की समस्या से लेकर मानसिक स्वास्थ्य विकारों के साथ शरीर में ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो सकता है, इससे कई अंगों पर दुष्प्रभाव का जोखिम रहता है।

डॉक्टर कहते हैं, वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश, बुखार, खांसी और अस्थमा जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, लेड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन की मात्रा हो सकती है, जिससे सेहत पर नकारात्मक असर होना का जोखिम रहता है। ये जहरीले तत्व शरीर में ऑक्सीजन के सामान्य स्तर को कम कर सकते हैं।

हाइपोक्सिमिया के कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताएं

ब्लड में ऑक्सीजन के निम्न स्तर को हाइपोक्सिमिया के तौर पर जाना जाता है। अध्ययनों में पाया गया कि वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क के कारण फेफड़ों की संरचना और कार्यक्षमता में कमी आ सकती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन सामान्य स्तर से कम होने लगता है। हाइपोक्सिमिया के लक्षणों में आपके रक्त में ऑक्सीजन की कमी के कारण सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, हृदय गति बढ़ने की समस्या और त्वचा के नीला पड़ने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। 

इस तरह के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए जरूरी है कि फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए उपाय किए जाएं, आहार में उन चीजों की मात्रा बढ़ाएं जिससे ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर ठीक बना रहे।

नींबू और विटामिन-सी से भरपूर चीजों का सेवन

नींबू विटामिन-सी का समृद्ध स्रोत है, ये एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जो हीमोग्लोबिन-आधारित ऑक्सीजन वाहकों को विकसित करने में मदद करता है। नींबू, लिवर को डिटॉक्सीफाई भी करता है और शरीर से अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालता है। प्रतिदिन खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में नींबू डालकर पीने से ऑक्सीजन के स्तर और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है। विटामिन-सी वाली चीजें शरीर की इम्युनिटी को बूस्ट करने में भी मदद करती हैं।

अनार से बढ़ता है रक्त प्रवाह 

अनार में आयरन, कॉपर, जिंक, विटामिन बी3 और बी6 और कोलीन होता है। ये शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाकर रक्त प्रवाह में मदद करता है। अध्ययनों से पता चला है कि अनार के सेवन से रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद मिलती है। शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और ऑक्सीजन के स्तर में सुधार करने में भी इसके लाभ मिलते हैं। ये फल शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी है।

गाजर और चुकंदर

गाजर और चुकंदर ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनसे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति में मदद मिल सकती है। चुकंदर, फाइबर का अच्छा स्रोत होने के साथ फोलेट, मैंगनीज, पोटेशियम, आयरन और विटामिन-सी का भी अच्छा स्रोत है। आयरन और फोलेट से भरपूर होने के कारण चुकंदर शरीर में नाइट्रेट विकसित करता है, जिससे नसों में फैलाव होता है जो ऑक्सीजन के संचार को ठीक रखने में मदद मिलती है।

चुकंदर की तरह ही गाजर में विटामिन्स के साथ फाइटोकेमिकल्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये शरीर के डिटॉक्स करने के साथ ऊतकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में सहायक हैं।