जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता, पौधे वनस्पतियों के प्रति आम जनों की कम हो रही रुचि और उनके संरक्षण नहीं किए जाने से कई वनस्पतियां, मौसमी फल खतरे में हैं और आने वाले कुछ समय में शायद ये खत्म हो जाएं। बीते कुछ सालों से जलवायु परिवर्तन के कई उदाहरण हमारे सामने आ रहे हैं। ये अनुभव शायद कभी खुशनुमा लगते हों लेकिन इनके दीर्धगामी असर भयानक हैं। ऐसा ही एक असर मौसमी फलों पर हो रहा है।
गर्मियां खत्म होने वाले दिनों में पके हुए आम और जामुन का इंतज़ार होता है लेकिन ये बीती बातें हो चुकी हैं। अब गर्मियों के दौरान ही जामुन मिल सकती है। इस वर्ष जलवायु परिवर्तन का असर यह है कि जामुन समय से लगभग एक डेढ़ महीने पहले बाजार आ गई है। लोग बाजारों में इन्हें देखकर अचरज में हैं और थोड़े खुश भी लेकिन जानकारों के मुताबिक ऋतु से पहले फल का आना अच्छे संकेत नहीं हैं।