कांग्रेस में लीगल मामले देखने वाले जेपी धनोपिया का कहना है कि चुनाव आयोग ने कई कर्मचारियों की ड्यूटी 16 नवंबर को लगाई, जिसके कारण ना तो वो EVM में वोट कर पाए ना ही डाक मत पत्र से. ऐसा उन्होंने सिर्फ बीजेपी के दबाव में किया है. क्योंकि बीजेपी जानती है कि इस बार कर्मचारी उनके खिलाफ है.
मध्य प्रदेश में मतदान हो चुका है, अब 3 दिसंबर को मतगणना होनी है. मगर उससे पहले डाक मत पत्र को लेकर घमासान मच गया है. कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग ने 11 हज़ार कर्मचारियों को वोट नहीं करने दिया. आखिरी समय में उनकी ड्यूटी लगा दी गई. इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है.
रअसल प्रदेश के 3.34 लाख अफसर-कर्मचारियों के डाक मतपत्रों पर सियासत शुरू हो गई है. कहीं कर्मचारियों को डाक मतपत्र नहीं मिले तो कहीं कर्मचारी वोट करने के लिए भटकते रहे. कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया है कि आंकड़े छिपाए जा रहे हैं.
11 हजार डाक मतपत्रों पर रार
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से कई बार डाक मतपत्र से जुड़े आंकड़े मांगे, लेकिन वह बार-बार देने से इनकार कर रहे हैं. आरोप है कि 11 हजार डाक मतपत्रों का अता-पता नहीं है. कई बार जीत-हार डाकमत पत्रों के जरिए हो जाती है, जब मतगणना में उम्मीदवारों का अंतर काफी कम हो जाता है.
कांग्रेस में लीगल मामले देखने वाले जेपी धनोपिया का कहना है कि चुनाव आयोग ने कई कर्मचारियों की ड्यूटी 16 नवंबर को लगाई, जिसके कारण ना तो वो EVM में वोट कर पाए ना ही डाक मत पत्र से. ऐसा उन्होंने सिर्फ़ बीजेपी के दबाव में किया है. क्योंकि बीजेपी जानती है कि इस बार कर्मचारी उनके खिलाफ है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस ने बीजेपी पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. ऐसे में बीजेपी ने भी कांग्रेस के इस आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस तो ख़ुद कर्मचारियों के ख़िलाफ़ है. कमलनाथ पूरे प्रदेश में कर्मचारी-अधिकारियों की सूची बनवा रहे हैं. ये सिर्फ हार ढूंढने के कारण है और कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ईवीएम पर तो सवाल खड़े करते आयी ही थी अब बैलेट पेपर में भी आरोप लगाने लगी.
राज्य निर्वाचन आयोग ने दिया जवाब
राज्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक चुनाव ड्यूटी में लगे तीन लाख 34 हजार 354 अधिकारी-कर्मचारियों को डाक मतपत्र जारी किए गए थे. जिसमें से 3.23 लाख कर्मचारियों ने डाक मतपत्रों का प्रयोग किया. 11,354 कर्मचारी-अधिकारियों ने वोट नहीं किया. कोई अपने वोट का इस्तेमाल अगर नहीं करता तो हम कुछ नहीं कर सकते.