विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया के 500 विशेषज्ञों ने स्वीकारा, हवा के जरिये फैला कोविड

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दुनियाभर के 500 विशेषज्ञों ने आखिरकार मान लिा है कि कोविड संक्रमण हवा के जरिये फैला था। अब तक इस संबंध में अलग-अलग विशेषज्ञ अलग-अलग दावे कर रहे थे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दुनियाभर के 500 विशेषज्ञों ने आखिरकार मान लिा है कि कोविड संक्रमण हवा के जरिये फैला था। अब तक इस संबंध में अलग-अलग विशेषज्ञ अलग-अलग दावे कर रहे थे। बृहस्पतिवार को डब्ल्यूएचओ के जेनेवा स्थिति मुख्यालय से इस संबंध में सबूतों के साथ तकनीकी दस्तावेज जारी किए गए।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि तकनीकी दस्तावेज से खसरे जैसी मौजूदा बीमारियों और भविष्य में आने वाली महामारी के खतरों के संचरण को बेहतर तरीके से संभालने की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। दस्तावेज के निष्कर्षों कहा गया है कि कोविड संक्रमण के वर्णन में इसे हवा के माध्यम से फैसलने वाले संक्रामक रोगों की श्रेणी में रखा जा सकता है। क्योंकि, वायरस हवा में यात्रा करते हुए दूसरे व्यक्तियों तक पहुंचता है और उन्हें संक्रमित करता है। लगभग 500 विशेषज्ञों ने कोविड की यह परिभाषा गढ़ने में योगदान दिया है। 

सौम्या स्वामीनाथन और जेरेमी फैरार ने भी रखा पक्ष
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने माना था कि डब्ल्यूएचओ को मजबूती के साथ बहुत पहले इसके बारे में लोगों को बताना चाहिए था। उनके बाद संगठन के मुख्य वैज्ञानिक बने जेरेमी फैरार ने भी कहा, महामारी की शुरुआत में सबूतों के अभाव में डब्ल्यूएचओ सहित विशेषज्ञों ने परिभाषा को नहीं बदला। लेकिन, अब नई परिभाषा कोविड से अधिक इस बारे में है कि वायुजनित बीमारियां किन्हें माना जाए। सभी विशेषज्ञों में इस पर सहमति है।